ENGLISH
Films are just not about the story but how it is executed. From sets to costumes to dialect, everything makes a count to make a film authentic especially when a filmmaker is trying to portray a story which is based in a specific time period.
Luckily, Punjabi movies have always managed to showcase specific time periods. One such film which is going to be period drama is Rakesh Mehta’s upcoming flick ‘Yaara Ve’. Yuvraj Hans, Gagan Kokri and Raghvir Boli will play the lead characters in the film along with Monica Gill. Rakesh Mehta has directed the film. It is produced by Bally Singh Kakar of Gordon Bridge Pvt. Ltd. in association with Freshly Ground Entertainment Pvt. Ltd. Munish Sahni’s Omjee Group is the worldwide distributor of the film.
Talking about this, director Rakesh Mehta said, “When I decided to make ‘Yaara Ve’, I wanted to make it as real as it can be. From selecting the locations and working on each and everything used, to all the costumes, I was personally involved in everything.” “We have paid keen attention to make an extensive set to reflect the times of the 1940s. Instead of going to places like Ganganagar and some villages around Rajasthan, we actually made a set, complete with old- style houses.
The story of the film revolves around three friends of different religions in pre-independent Punjab and how the announcement of Indo-Pak partition changes the situation.
Bally Singh Kakar, the producer of the film said, “I am from London, so knowing the minute details about the culture of Punjab that too of some other time period was a challenge for me. So I completely trust Rakesh Mehta and his research on that part. I personally like the poster of the film very much. Trailer of the film will be out soon.”
‘Yaara Ve’ will be released on 5th April 2019.
HINDI
हाल ही में लंदन के एक रियल एस्टेट टाइकून बल्ली सिंह ककर ने पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में पैर रखने का फैसला लिया, एक ख़ास कोशिश और नज़रिये के साथ। वो अपनी पहली फिल्म ‘यारा वे’ रिलीज़ करने के लिए तैयार हैं। 5 अप्रैल को रिलीज़ होने वाली यह फिल्म, पंजाब की ज़िन्दगी पर आधारित है, जब पंजाब को राजनीती ने नहीं छुआ था। आज़ादी से पहले की पृष्ठ भूमि पर बनी यह फिल्म 3 दोस्तों की कहानी को दर्शाता है जो अलग अलग धर्मों के हैं और कैसे उनकी दोस्ती भारत पाक विभाजन की घोषणा से गुज़रती है।इस बारे में बात करते हुए, बल्ली सिंह ककर ने कहा, “मनोरंजन जगत में मेरा कदम रखने का मुख्य कारन था कि मैं अपने पंजाबी दोस्तों को वो कहानिया बताना चाहता हूँ जिन्होनें मुझे निजी तौर पर प्रभावित किया है और जिन्होनें मुझे कुछ सिखाया है। जब राकेश मेहता ने मुझे यारा वे का विषय सुनाया तो मैंने तुरंत हाँ क्र दी क्यूंकि मैं खुद एक प्रवासी हूँ।”अपनी कम्पनी गॉर्डोन ब्रिज प्रा.लि. के साथ बल्ली सिंह ककर हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं कि इस फिल्म के साथ पंजाबी इंडस्ट्री के सब से बेस्ट लोग जुड़ें। और डायरेक्ट करने के लिए या ज़िन्दगी की नज़दीकी से कहानी सुनाने के लिए राकेश मेहता से बेहतर कौन हो सकता है।”मैं राकेश मेहता को अपने कुछ दोस्तों के साथ लंदन में मिला। वह एक अचानक मुलाकात थी और मैं भगवन का शुक्रगुज़ार हूँ कि मेरे इस काम की शुरुआत सही लोगों के साथ हो रही है।
अदाकारों से लेकर शूटिंग और संगीत तक फिल्म में हर बारीकी पर धेयान दिया गया था जितना स्क्रिप्ट को चाहिए था,” उन्होनें आगे कहा।यारा वे में युवराज हंस, गगन कोकरी, रघबीर बोली और मोनिका गिल मुख्य किरदारों में नज़र आएंगे। इस फिल्म को लिखा है रुपिंदर इंदरजीत ने और डायरेक्ट किया है राकेश मेहता ने।’यारा वे’ 5 अप्रैल 2019 को रिलीज़ होगी।
‘यारा वे’ मासूम उम्र में शुरू हुई दोस्ती पर आधारित कहानी है जो ज़िंदगी भर सच्ची और पवित्र रहती हैं। यह प्रेम के उन रिश्तों और बंधनों को भी दर्शाएगी जो हम अपनी ज़िंदगी में सहेजते हैं। मूवी में इमोशन, ड्रामा, रोमांस और कॉमेडी का खूबसूरत मिश्रण है। यह उस समय है जब भारत और पाकिस्तान दोनों ही देश बंटवारे का आघात झेल रहे थे।
फिल्म की पहली झलक से यह पता चलता है कि इसे बनाने में काफी रिसर्च और मेहनत की गयी है क्योंकि हर बारीकी का बखूबी ख्याल रखा गया है। इस बारे में बात करते हुए निर्देशक राकेश मेहता ने कहा, “जब मैंने ‘यारा वे’ बनाने का फैसला किया था तब मैं इसे बिलकुल उस समय की सच्चाई के साथ ही बनाना चाहता था। लोकेशन से लेकर फिल्म में इस्तेमाल हुई एक-एक चीज़ तक, कॉस्ट्यूम तक, सभी चीज़ों के चयन में मैं खुद मौजूद रहा हूँ।” “हमने 1940 का समय दिखाने के लिए सेट बनाने में बहुत बारीकी से ध्यान दिया है। गंगानगर और राजस्थान के उन गाँवों में जाने की बजाय जहाँ ज़्यादातर फिल्मकार जाते हैं, हमने उस समय को दर्शाता एक पूरे गाँव का सेट खड़ा किया, जिसमें उस समय के कच्चे घर भी मौजूद हैं। ‘यारा वे’ की कहानी सिर्फ कुछ किरदारों तक सीमित नहीं हैं बल्कि लोकेशन और यह पूरा गाँव इसकी कहानी का बहुत महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। और अब मुझे ऐसा लगता है कि हमने अपना बेहतरीन काम किया है और लोग इस फिल्म को देखकर यादों में ज़रूर खो जायेंगे.